दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना है मिल जाये तो मिट्टी है खो जाये तो सोना है
दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना है ; मिल जाये तो मिट्टी है खो जाये तो सोना है ; सा कोई मौसम तन्हा-सा कोई आलम ; हर वक़्त का रोना तो
दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना है निदा फ़ाज़ली दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना है ; मिल जाये तो मिट्टी है खो जाये तो सोना है ; सा कोई मौसम तन्हा-सा कोई आलम ; हर वक़्त का रोना तो दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना Vashini Sharma बंधुवर , खेद है मेरा ज्ञान केवल लोकप्रिय गज़ल गायकी और जगजीत जी की प्रस्तुति तक ही है ।जिसमें जादू का खिलौना ही प्रयुक्त
अब भारत का मैच कब है दुनिया जिसे कहते हैं, नज़्में कवितायेँ, हिंदी, निदा फ़ाज़ली
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